Sunday 11 November 2018

कैसे रिश्ते

रिश्ते भी कैसे कैसे हैं हैं हसीना तभी तक जब तक जेब में पैसे है रिश्तोंमें कोई किसी का सगा नहीं वो रिश्ता भी क्या जिसने ठगा नही रिश्तों में राजनीति की हिस्सेदारी है ये चलें उसी से जिसकी पार्टी भारी है इनका खेल भी अजीब निराला है झूठ सभी रिश्तों का साला है

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