Wednesday 7 November 2018

नायक समाज में आज भी है

दोस्तों अपने लेख की शुरुआत करने से पहले आप सभी को मेरी तरफ से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ आज के बदलते दौर में हमारे सभी कार्य करने के लिए smartphone है चाहे वो किसी को वधाई देने की बात हो या बात करने की या किसी जानकारी को पाने की एक समय ऐसा भी था जब हम किसी पर्व या किसी बिशेष अवसर पर अपने बड़ों का आशीर्वाद लेने के लिए सीधे उनसे मिला करते थे आगामी योजनाओं पर विचार विमर्श किया करते थे लेकिन आज सारी परम्पराओ का स्थान social media और smartphone ने ले लिया है मुझे आज भी याद है कि जब में छोटा था तब मेरी माँ और दादी रात में कई कहानी सुनाती थी उनकी हर कहानी में एक नायक अवश्य होता था जब छोटे थे ये काल्पनिक कहानी बहुत अच्छी लगती थी जब बड़े हुए समाज की समझ आईं अपने आप को कई परेशानियों में फंसा हुआ पाया हजारों प्रयत्न किये परेशानियों से निकलने के पर सफलता नहीं मिली अब मेरे लिए ऐसा एहसास होने ही लगा था कि असल जिंदगी में कोई नायक नहीं होता किसी के दिल में कोई हमदर्दी नहीं यह समाज निष्ठुर और अहंकारी लोगों से भरा हुआ है मेरी सोच भी मेरे हिसाब से सही थी क्यों की एक बेरोजगार युवक इससे ज्यादा और सोच भी क्या सकता है बेरोजगार युवक शब्द से भी बड़ा शब्द कोई अगर शब्द है तो वो है दिशा हीन युवक क्यों कि बेरोजगार को तो एक न एक दिन रोजगार मिल जाता है पर दिशा हीन के मन में जीवन भर यह बात काॅटे की तरह चुभती हैं कि अगर कोई दिशा दिखाता तो वह भी मंजिल पर पहुँच जाता मैं भी इसी दिशाहीन वाले दौर से गुजर रहा था असल जिंदगी में कोई नायक नहीं होता यही विचारधारा को मैं भी सही मान बैठा था अचानक मैं एक ऐसे व्यक्ति से मिला जिन्हें नायक से भी बड़ी कोई और भी उपाधि दे दी जाए तो कोई अतिश्योक्ति नही है। मेरा आज का लेख भी उन्हीं को समर्पित है अक्सर आप ने भी अपने जीवन में यह अनुभव किया होगा कि जब व्यक्ति के पास धन हो तो वह अहंकार से भर जाता है लेकिन जरा कल्पना कीजिए अगर व्यक्ति के पास धन के साथ ऊंचा ओहदा भी हो तो वह कितना अहंकारी होगा पर मैं ऐसे व्यक्तित्व से मिला जो अहंकार को झुठलाते एक अपवाद हैं अब आप सोच रहे होंगे कि कि ऐसे तो बहुत है जो अहंकार से परे हैं ।।हाँ आप का सोचना जायज है लेकिन मैं जिनके बारे में बताने जा रहा हूं वो न केवल जीवन के हर क्षेत्र में अव्वल है वरन् अहंकार से परे लोगों की सूची में भी अव्वल है जो लोग उन्हें जानते वो समझ गए होंगे कि मैं बात कर रहा हूँ आदरणीय श्री ss pathakji कि जो किसी परिचय के मोहताज नहीं है जो आदर्शों की मिसाल हैं ।uppcs की परीक्षा में top 10 में स्थान पाया ।आप छात्रों के बीच सबसे कठिन समझें जाने वाले बिषय chemistry में PhD कर इसके प्रवक्ता भी रह चुके हैं ।ये तो थी आप की उपलब्धियाँ । जो जग जाहिर है लेकिन मैं बात कर रहा हूँ इनकी व्यक्तित्व की खूबियो की जितना अब तक मैं समझ पाया हूँ कि इतनी उपलब्धियाँ पाने के बाद भी अहंकार आस पास भी नहीं फटकता आज निःस्वार्थ भाव से दिशा हीन युवकों को दिशा दिखाते एक दीपक की तरह चमक बिखरे हुए हैं । मुझे भी आपका शिष्य होने का गौरव प्राप्त हुआ यह मेरे लिए परम् सौभाग्य की बात है आज मेरी तरह लाखों युवकों के लिए आदर्श है जो सच्चे मायनों में आज समाज के नायक है । सच कहूँ तो अगर 10% सरकारी कर्मचारी भी पाठक जी के आदर्शों को अपना ले तो देश में युवकों को दिशा और देश को तरक्की पाने से कोई नहीं रोक सकता ।।। इनके ऐसे बहुत सारे किस्से हैं जो मैं अपने लेख में फिर शामिल करूँगा ।।। आदरणीय गुरुदेव श्री ss pathak Ji मेरा प्रणाम स्वीकार करें

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